Sunday 14 June 2015

पेट दर्द ...का बवन्डर

              एक लडकी को मेरे पास सुबह-सुबह ही ले आये मै मोर्निंग वोक से आया ही था कि वह मरीज घर पर आ गये,बहुत ही तेज पेटदर्द था लडकी रो रही थी उम्र होगी लगभग सोलह-सतरह साल, पांच-चार लोग उसके साथ थे और तरह तरह की बाते कर रहे थे कोई कह रहा था यहाँ पर गलत ही लाये है कल बडे होस्पिटल मे दिखाया था यदि कोई बिमारी होती तो वहाँ नही आती क्या ? इसके कोई लफ़डा(ओपरी छाया) ही लगता है, दुसरा बोला - नही इस प्रकार का पेट दर्द तो उस सुरजे की क्वाँरी लडकी  को हुआ था जो फिर मर ही गई थी और सुना नही था क्या ? उसका किसी से चक्कर चल रहा था,तीसरा बोला--एक वो ट्रेन के निचे कट के मरी थी उसके भी पेटदर्द ही हुआ करता था, बाद मे पता चला था कि वह पेट से थी,
               मैने उसे देखा लडकी को तेज बुखार था मुझे मलेरिया का शक हुआ तो मैने कहा कि इसे मलेरिया हो सकता है इसका खून टेस्ट करना पडेगा, लडकी की माँ तत्काल तैयार हो गई,आज कल मलेरिया के लिये कार्ड आते है डिवाइस और बूफर तुरंत जांच रिपोर्ट आ जाती है गांवो के लिये यह सुविधा देखा जाये तो अच्छी ही है मैने चेक किया तो उसे मलेरिया पोजिटिव आ गया लडकी बिलबिला रही थी कुछ बुखार से तथा कुछ लोगो की बातो से, लोग बार बार एक ही बात कर रहे थे कि इसके कोई बिमारी-बिमारी नही है यह तो ओपरी-छाया के चक्कर मे है इसे किसी भोपा को दिखाओ , लेकिन लडकी की माँ मुझे कह रही थी कि आप इसका इलाज किजिये, अचानक लडकी का भाई बिफर पडा - आप इसे बस कोई छोटी मोटी दवा दे दो बस फिर हम इसे किसी भोपा के पास ले जायेंगे,कल हम इसे बडे होस्पिटल मे दिखा कर  लाये है वहाँ की दवा से तो इसके फर्क नही पडा, बडे होस्पिटल की द्वा असर नही कर रही है इसका मतलब इसके कोई और ही परेसानी है,
              लेकिन अंत मे मेरे समझाने तथा लडकी की माँ के कहने पर उसे मैने दवा दे दीऔर लडकी को कुछ आराम आया और वे उसे ले गये मैं ने दुसरे दिन वापिस आने  का कहा और वे लोग हाँ कह कर चले गये
               बात अजीब इस लिये है कि मलेरिया जैसी जान लेवा बिमारी को भी किसी भूत प्रेत का साया मान कर इलाज नही लेना खतरनाक हो सकता है मलेरिया जान भी ले सकती है तथा हिपेटाइटिस जैसी घातक बिमारी को भी जन्म दे सकती है तथा कोई भी प्रकार के पेटदर्द को गलत समझ लेना कितना शर्मनाक है, लेकिन अज्ञानता और अंधविश्वास का क्या इलाज हो कुछ समझ मे नही आता, अब इस लडकी मे भूत -प्रेत का कोई इतिहास नही था इस लिये कुछ अन्य अफवाह भी उडाई जाने लगी, भूत नही तो फिर कुछ और.. लेकिन बिमारी को नही मानना,पता नही इस माडवाड क्षेत्र मे चिकित्सको से ज्यादा भोपा-बावसी,तांत्रिक क्यो है और  उतने ही उनके दलाल.......,.
               दुसरे दिन वे लोग नही आये,पुरा दिन निकल गया, फिर रात करीब ग्यारह बजे लडकी को फिर मेरे पास लाये लडकी चिल्ला रही थी उसके पेट मे बहुत ही तेज दर्द हो रहा था,पेट पर हाथ लगाते ही चिल्ला रही थी मै ने पुछा- दवा दे रहे है क्या ? लडकी की बडी बहिन बोली - नही इसे हम बावसी के पास ले गये थे,चाचाजी मान ही नही रहे थे इस लिये दवा बंद करके डोरा बंदवाया है ,लाल रंग का एक मोटा सा धागा उसके दाँये हाथ पर बंधा हुआ था मैने उसे वापिस चेक किये कुछ दवा और दी तथा कल दी हुई सभी दवा शुरू करवाई और उस चाचा को बुलाया और उससे पुछा कि - ये सब क्या हो रहा है ? तब वह मुझे समझाने के हिसाब से चुपचाप एक तरफ ले गया और बोला - साब आप आराम से चेक करलो इसके मलेरिया तो नही है हमने बडे होस्पिटल मे चेक करवाया था वहा पर तो नही आया, आप के पास आ गया ये सब लफडा और ही है साब !  इस लडकी का किसी लडके से चक्कर चल रहा होगा और शायद यह प्रिगनेंट हो गयी है , आप इसकी सोनोग्राफी करवाओ आप को पता चल जायेगा, मुझे गुस्सा आ गया मैने कहाँ - तेरा दिमाग खराब हो गया है बडे होस्पिटल मे मलेरिया टेस्ट नही करवाया होगा आप लोगो ने और यदि इसके भूत नही तो अब ये.. तुझे शर्म नही आती तु क्या कह रहा है,तेरी बेटी जैसी है ये लडकी, लेकिन उस ढीठ  के कुछ फर्क नही पडा साथ ही उस लडकी का बडा भाई भी कुछ इसी तरह से मुझे समझाने लगा - साब ! कल सुबह आप सोनोग्राफी करवालो , मैं थोडा नरम पड गया मैने उन्हे समझाया कि आप चिंता मत करो यह ठीक हो जायेगी और इसका पेटदर्द उस प्रकार का नही है आप टेंसन मत करो बस आप तो इलाज पुरा ले लो, यदि सुबह तक फर्क नही पडेगा तो कल इसकी सोनोग्राफी भी करवा लेंगे, यहाँ तो यह व्यवस्था है नही ,शहर भेज कर कल करवा लेंगे अभी इलाज करने दो,
                लडकी की माँ बार - बार इलाज का कह रही थी वही जिद्द करके लायी थी मै ने फिर उनसे पुछा-- एक बात यह बताओ कि आप ऐसा क्यो सोच  रहे हो तो वे बताने लगे कि - कौशिक साब ये क्वाँरी है और क्वाँरी लडकी के पेट दर्द ...वे एक दुसरे को देखने लगे फिर एक बोला-. हमारी समझ मे तो ....वह फिर चुप हो गया....साब !क्वाँरी है इसलिये गलत गलत विचार आ जाते है और फिर भोपा ने कह दिया कि इसको डाक्टर को दिखाओ, मेरा काम नही है, तो हम डर गये साब !, इसलिये हमने ऐसा सोच लिया , मैने फिर पुछा - तो फिर ये लोगो के सामने भोपा के ले जाने का क्या चक्कर है  इसे उसके पास क्यो चक्कर कटा रहे हो, वह इस लिये कि कुछ इधर उधर घुमते रहे तो बदनामी ना हो . मेरा सिर चकरा गया कि कैसे - कैसे लोग है अपनी ही लडकी पर इलाज के नाम पर सिर्फ भाग -दौड,
                दवा अपना काम कर रही थी और लडकी का रोना चिल्लाना कुछ कम हो गया, उन सब को मैंने समझाया कि फालतू की बातो मे अपना जीवन बर्बाद नही करना चाहिये इसका पुरा इलाज कराना यह ठीक हो जायेगी,
                अजीब दास्तान है कि जवान लडकी को अंदरूनी कोई रोग हो जाये तो सिर्फ वही एक बात हो सकती है क्या ? बडी अजीब दास्तान है ये, यह सिर्फ एक क्वाँरी लडकी की कहानी नही है इस क्षेत्र मे ऐसी हजारो कहानियाँ मिल जायेगी, कई लडकिया मरने के बाद बदनाम होती है कोई जिंदा रह कर बदनामी का दंश झेलती है 

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