Monday 5 January 2015

भोपा - बावसी

            उसे शायद मरना ही था,कहते है जब किसी की मौत आती है तो जीवन के सारे रास्ते अपने आप ही बंद हो जाते है,फिर बस मरना ही पडता है, रामसिह अधेड उम्र का बडा ही नेक दिल,हंसमुख,मिलनसार व्यक्ति था ,बडा ही पुजा पाठी ,साथ ही घोर अंधविश्वासी था, अपने खेत पर बने कुए पर ही झोपडी बना कर रहता था,नये मकान भी वही बना रहा था, दर असल वह इस इलाके का नही था, रेलवे मे काम करता था फिर कोइ सस्ती जमीन मिल गई उसे खरीद ली और कुआ बनाकर वही रहने लगा,
            वह मेरे पास अक्सर आता रहता था,चिकित्सा की उसे कभी भी जरूरत नही पडती थी वह बडा मेहनत करने वाला,योग- कसरती तथा आत्मविश्वासी था, आता तो कभी स्वस्थ रहने के उपाय पूछ्ता कभी कोई धार्मिक चर्चा करता रहता, कभी कभार अपने माता -पिता एवम बच्चो को दवा दिलाने के काम से आता रहता था,लेकिन स्वम बडा ही निरोग था
            मै उसे धर्म का यथार्थ अर्थ बताता लेकिन उसके सही बात कम तथा फालतू बाते ही ज्यादा दिमाग मे बैठी थी वह वे फालतू बाते मुझे बताने की कोशीश करता कई बार तो बहस भी कर लेता,मैने उसे बहुत समझाया कि धर्म का मतलब अच्छा काम करने से है लेकिन उसके कोई भी बात समझ मे नही आती थी,वह लड-झगड के चला जाता था,वह बडा ही संत प्रकृति का था कुछ दिन बाद क्षमा याचना करता हुआ वापिस आ जाता था,
            संतो महात्माओ एवम भोपा-बावसी से उसे कुछ ज्यादा ही लगाव था,कई भोपाओ के पास उसका आना-जाना लगा रहता था,भोपा उन लोगो को कहते है जो किसी ऐसे स्थान पर पूजा करते है जहा पर किसी बलिदानी पुरूष या देवी देवता का मंदिर बना हुआ हो, मारवाड मे भोपाओ का बडा ही रुतबा है कई संत भोपा तो सरकार मे मंत्री तक बने हुये है, बावसी मतलब जिसकी भोपा पूजा करता है वो देवता या बलिदानी व्यक्ति बावसी कहलाता है, इन भोपाओ मे कथित रूप से इन देवि देवताओ की आत्मा प्रवेश कर जाती है और फिर ये लोगो का भविष्य बताते है,इन भोपाओ के चक्कर मे राम सिह भी था,
            रामसिह उंनसे भी धर्म चर्चा करता था उसी धर्म चर्चा के बलबुते वह मुझसे बहस करता रहता था,वे लोग उसे समझाते कि बिमारिया पापो का फल है वह कहता था कि जितनी भी बिमारिया है सब पापो की सजा है अतः बिमारियो का इलाज नही करवाना चाहिये,पाप समाप्त होते ही बिमारिया अपने आप ठीक हो जाती है यदि उपचार लिया तो पाप शेष रह जाते है और रोग दुबारा हो जाते है और आप जानते ही हो पापो की सजा तो भुगतनी ही पडती है,मै उसे खूब समझाता कि " मर्ज,कर्ज,और दुश्मन को पालना नही चाहिये," लेकिन उसे समझ मे नही आता था,
            एक दिन रामसिह छाती पकडे आया और बोलने लगा- "साब !आज कोई बडा पाप फूट रहा है छाती बहुत दर्द कर रही है"  मैने उसे समझाया कि मुझे चेक-अप करने दे ,लेकिन वह नही माना उसकी पत्नी के समझाने पर वह चेक-अप के लिये तैयार हुआ, वरना वह तो भोपा के पास ले जाने की जिद्द कर रहा था,मैने चेक किया तो ब्लडप्रेशर 200mm of hg आया धडकन भी बढ रही थी, मैने उसे दवा लेने की सलाह दी और कहा कि ये हार्ट अटेक है इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी है लेकिन वह तो एक ही बात पर टिका हुआ था कि "मुझे बावसी के थान पर ले चलो, भोपा जी के पास ही मेरा ईलाज है"
            उसके घरवाले उसे भोपा के पास ले गये, एक घंटे बाद वह आराम से चल कर मेरे पास आया और स्वस्थ लग रहा था और कुछ व्यंग भरे लहजे मे बोला-"देखा साब!मै ठीक हो गया, ये सब पापो की सजा है मेरा दिल बिल्कुल सही है,आप बेवजह ही अटेक आ गया  कहकर डरा रहे थे" उसके साथ वाले भी भोपाजी का गुणगान कर रहे थे- "भोपा जी के पास गये और उन्होंने एक मंत्र फूंका और दर्द तो छू मनतर हो गया" इतना कह कर सब जोर से हंस पडे,
            यह जीवन बडा ही अनमोल है हम इस जीवन को बचाये रखने के लिये सदैव प्रयास रत रहते है लेकिन कई बार किसी अंधविश्वास या गलत सलाह से जीवन को खतरे मे डाल लेते है फिर जो परिणाम निकलता है वह खतरनाक होता है,
            दुसरे दिन रामसिह का लडका आया, रो रहा था कह रहा था कि "पापा को आज फिरसे तेज दर्द हुआ था पुरे पसीने पसीने हो गये थे लेकिन आपके पास आने की बजाय वे भोपा जी के थान पर ही गये है आप उन्हे समझाओ' लेकिन ऐसे आंधविश्वासी को कौन समझाये , संस्कृत मे एक कहावत है "विनाश काले विपरीत बुद्धि"और राम सिह के साथ भी यही हो रहा था,
            फिर एक दिन तेज दर्द उठा,लेकिन उसदिन राम सिह नही उठ पाया और राम को प्यारा हो गया, माता-पिता बीबी बच्चे बेचारे रोते ही रह गये,फिर भी लोगो के मुँह से ये कहते सुना कि "भोपाजी ने तो दो बार बचाया लेकिन आज तो थान पर पहुच ही नही पाया वरना बावसी बचा ही लेते"
            ये "अजीब दांस्तान" है कि लोग एक पढे लिखे व्यक्ति की बात नही मानते और किसी अनपढ व्यक्ति की बात मान कर अपना जीवन दाँव पर लगा देते है,ये एक राम सिह की ही दांस्तान नही है ऐसा पुरे मारवाड  की  अजीब दांस्तान है,
             
            

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